बुधवार, 26 अक्तूबर 2011

gaon ki yaad

गाँव की याद आते ही गाँव के प्रवेश द्वार पर गाँव के बड़का बाबा श्री श्री रैनाथ ब्रह्म का संस्मरण हो जाता है तथा उनका आशीर्वाद मिल जाता है | बाबा के स्थान पर सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने और प्रसाद खाने के लिए घंटों इंतजारी करने एवं अपनी बारी आने पर प्रसाद (पंचामृत) मिलने की खुशी का कोई मिठाई से तुलना नहीं की जा सकती है | 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें