रविवार, 9 मार्च 2014

व्यक्तिगत बनाम सार्वजनिक 
                                      मैंने यह ब्लॉग किसी सोच के साथ लिखने को लेकर शुरू नहीं  किया था बल्कि यह अपने में नया अहसास महसूस करने के लिए किया था कि एक साधारण सा  व्यक्ति भी अपनी बात सार्वजनिक रूप से व्यक्त कर सकता है और लोग उसे पढ़ेंगे । यहाँ मैं यह स्पष्ट कर दूँ कि मुझे अपनी बेटी की बात बहुत अच्छी लगी कि अगर विस्तृत फलक या यूं कहे कि सार्वजनिक मुद्दे की बात हमेशा व्यक्तिगत सरोकारों से ज्यादा जोड़ने वाली होती है । भले ही तात्कालिक रूप से व्यक्तिगत बात अच्छी  लगे लेकिन लम्बे समय में वह बोरियत पैदा करती है । 
                                           वैसे तो यह ब्लॉग अपने गांव के नाम पर आधारित कर लिखना चाहता था परन्तु मात्र एक गांव से और उस गांव से जिसके वाशिंदे खुद नेट से जुड़े नहीं होने से इस ब्लॉग के बारे में कुछ भी नहीं जानते । क्योंकर अन्यों को रुचिकर लगेगा । 
                                           मैं दूसरे ब्लॉग को पढ़कर बहुत आनंदित होता हूँ कि कितना अच्छा लिखा जा रहा है । इसी प्रकार से अनेक ब्लॉग बेसिरपैर के भी लिखे जा रहे है । एकदम सामयिक विषय पर लिखी गई बात की अवधि बहुत कम समय की हो सकती है जबकि मन से जुडी विषयों पर चर्चा हमेशा के लिए जीवंत बनी रहती है । कभी-कभी सार्वकालिक भी हो जाए तो आश्चर्य नहीं । 
                                            
                                             

रविवार, 2 मार्च 2014

सारनाथ में चौखण्डी स्तूप 
सारनाथ में चौखण्डी स्तूप एक बहुत अद्भुत दृश्य है । इसका लिया गया चित्र बहुत मनोहारी है । 
चौकण्डी स्तूप का पूर्ण स्वरुप 
चौखण्डी स्तूप के पास खड़े होकर लिया गया चित्र 


सारनाथ भ्रमण 
                                         सलेमपुर से बनारस आते समय सारनाथ रेलवे स्टेशन पर जब ट्रेन पहुँची तथा पत्नी के सारनाथ के बारे में पूछने पर मैंने मन में निश्चय कर लिया था कि इन्हें  तथा अनूप को सारनाथ भ्रमण कराऊंगा । संयोग से समय ने मौक़ा दे दिया । सबसे प्रथम प्राथमिकता काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करके दशास्वमेध घाट से  ऑटो लेकर सीधे सारनाथ पहुँच गए । सारनाथ की यात्रा भी बहुत रोचक रही । 
गौतम बुद्ध की अस्सी फीट भव्य प्रतिमा  का मुख्य गेट 

मुख्य गेट के भीतर प्रथम प्रवेश द्वार 

भव्य प्रतिमा का विहंगम दृश्य 

भव्य प्रतिमा के सामने खड़े होकर लिया गया चित्र 

 गंगा जी में नॉव पर बैठे हुए गंगा जी के विभिन्न घाटों को देखने का आनंद लेते हुए 



गंगा जी के उस पार जाकर स्नान का आनंद उठाते हुए 




वाराणसी में गंगा स्नान, काशी विश्वनाथ मंदिर  दर्शन, सारनाथ भ्रमण 

                     बहुत दिनों से परिवार के साथ गंगा स्नान तथा काशी विश्वनाथ मंदिर में भोले बाबा के दर्शन की इच्छा थी जो इस बार पूरी हो सकी । सबसे ज्यादा आनंद गंगा स्नान का रहा । यद्यपि सर्दी होने की वजह से गंगा जी में देर तक डुबकी लगाए रखना आरामदेह नहीं लग रहा था परन्तु गंगा जी में स्नान करने का अहसास बहुत आनंददायक था । उम्मीद है कि ऐसा आनंद बार-बार मिलता रहेगा । 
                सबसे पहले आप को दशास्वमेध घाट का दर्शन कराता हूँ ।  यह चित्र गंगा जी में नॉव के ऊपर से लिया गया है ।  
दशास्वमेध घाट