गाँव की याद आते ही गाँव के प्रवेश द्वार पर गाँव के बड़का बाबा श्री श्री रैनाथ ब्रह्म का संस्मरण हो जाता है तथा उनका आशीर्वाद मिल जाता है | बाबा के स्थान पर सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने और प्रसाद खाने के लिए घंटों इंतजारी करने एवं अपनी बारी आने पर प्रसाद (पंचामृत) मिलने की खुशी का कोई मिठाई से तुलना नहीं की जा सकती है |
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