अभी हाल में मुझे अपने गांव जाने का अवसर प्राप्त हुआ । वहां
संयोग से 15 अगस्त को बाबा रैनाथ ब्रह्म का वार्षिक पूजन
समारोह था । बहुत लम्बे अन्तराल के बाद मुझे इस अवसर पर गांव में रुकने का अवसर मिला
। अनेक लोगों से मिलने का दुर्लभ अवसर मिला । कुछ पारिवारिक जरुरतों के कारण मैं पर्याप्त
समय नहीं दे पाया । ऐसे समय में इस बात का अहसास हो ही जाता है कि जीविका के लिये गांव
से दूर जाना क्या होता है । लम्बे समय तक जीविका के लिये दूर रहने पर वहां की स्थानीय
परिस्थितियों के नजदीक होने से अपनी पत्नी, बच्चे तक गांव के
इस लगाव से दूर हो जाते हैं । अनेक अवसरों पर अपने बीबी-बच्चे
तक हमारी भावनात्मक लगावों को समझ नहीं पाते जिससे असन्तोष होता है । हालांकि गांव
से बाहर जाने और जीविकोपार्जन करने से ही जीवन की भौतिक जरुरतें पूरी होती हैं ।
आज मैं अपने गांव के युवा साथियों द्वारा फ़ेसबुक
पर बनायी गई बनकटा मिश्र नाम के ग्रुप की चर्चा भी करुंगा । ग्रुप के कारण गांव में
तथा गांव से दूर रहने वाले लोगों के लिये यह ग्रुप एक अच्छे मंच की भूमिका अदा कर रहा
है जिससे जुड़कर लोग अपने को गांव की वर्तमान गतिविधियों से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं
तथा अपडेट हो जाते हैं ।
यहां मैं यह भी उल्लेख करना चाहूंगा कि इस मंच को
और अधिक उपयोगी बनाया जा सकता है । इस मंच पर अधिकाधिक बातें धार्मिक ही होती हैं ।
बाबा रैनाथ ब्रह्म की पूजा-अराधना, साईं
बाबा, शिव मन्दिर, महावीर मन्दिर आदि में
पूजा अर्चना आदि । वैसे तो यह भी सच है कि गांव के ज्यादा लोगों को इससे ही मतलब होता
है । इन्हीं बातों से मनोरंजन होता है । परन्तु आज के युग को देखें तो इसके साथ अन्य
पक्षों का इसमें शामिल होना भी आज की महती आवश्यकता है ।
आज के समय में इस मंच को शिक्षा एवम कौशल से जोड़ने
पर गांव के युवाओं को एक अच्छी दिशा मिल सकती है । सभी युवाओं का अपना डिजिटल पता जैसे
इमेल होना अति आवश्यक है । टाइप करना अक्षर ज्ञान होने के समान है । वर्ड और एक्सेल
का ज्ञान भी इसी श्रेणी में वर्गीकृत किये जाने योग्य है । कम्प्यूटर में कोडिंग की
शुरुआत योग्य एवम वरिष्ठ बच्चों के सहयोग से किया जा सकता है । बच्चों में न्यूनतम
योग्यता अर्जित करने का यह एक अच्छा मंच भी हो सकता है ।
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