गया में पिंडदान
माता - पिता के स्वर्गवास के बाद से ही मन में बहुत इच्छा थी कि गया जाकर पिंडदान कर आया जाय जिससे जीवन का महत्त्वपूर्ण दायित्त्व पूर्ण हो जाय । भगवत कृपा से यह कार्य इस वर्ष पूर्ण हुआ । यहां कुछ संस्मरण आप सबसे बाँट रहा हूँ ।
सर्वप्रथम गांव में अपने पितरों का आह्वान किया । गांव के समस्त घरों पर जाकर पूर्वजों को गया पधारने के लिए अक्षत छिड़क कर निमंत्रण दिया । सभी गांववासियों ने अपना आशीर्वाद एवं सहयोग प्रदान किया । अंत में हमारे कुलदेवता बाबा रैनाथ ब्रह्म को शीश नवा कर उनका आशीर्वाद लिया ।
फल्गु नदी में श्राद्ध करते हुए
फल्गु नदी किनारे श्राद्ध करते हुए
वैतरणी के तट पर सामूहिक पिंडदान करते हुए लोग
वैतरणी के तट पर गोदान करते हुए
अक्षयवट के परिसर में पिंडदान करते हुए
अक्षयवट के नीचे
बोध गया मंदिर परिसर में
पूरा परिवार |
सीताकुंड में पिंडदान हेतु रेत निकालते हुए
सीताकुंड तट पर पिंडदान करते हुए
प्रेतशिला पर पिंडदान करते हुए लोग